"मैं राष्ट्रभक्त हूं और आजीवन राष्ट्र की सेवा करता रहूंगा !" ---किरण कुमार पाण्डेय
Book Summary
मित्रों ! जैसे मिठाई के साथ नमकीन का होना इसलिए जरूरी हो जाता है कि जब मिठाई खाते -२ जी भर जाए तो नमकीन के साथ चाय अथवा काफी पीकर अपने मन को बहला लिया जाए ठीक उसी प्रकार से आज का यह लेख आपको थोड़ी देर के लिए ही सही आनंदित करने वाला है कारण कि जिस विषय को आज मैंने आप लोगों के बीच रखने का मन बनाया है वह ठीक -२ कुछ ऐसा ही है जहां सीखने को तो बहुत कुछ है लेकिन गंभीर मुद्रा से बाहर निकलने में यह उतना ही कारगर सिद्ध होगा जितना कि आप ने कल्पना की होगी, फिर देर किस बात की आइए इस लेख को आगे पढ़ते हैं....