"मैं राष्ट्रभक्त हूं और आजीवन राष्ट्र की सेवा करता रहूंगा !" ---किरण कुमार पाण्डेय
Book Summary
आप सम्भवतः सब कुछ जानते हों परन्तु आप शायद यह नहीं जानते कि आप की थाली में परोसा गया भोजन कितने परिश्रम के बाद आपके पास आया है ! यह सही है कि, आपके पास वो हुनर है जो आपको बेशुमार धन दौलत लाकर दे सकती है अथवा आपके पास अपार सम्पत्ति है लेकिन यह बात भी उतनी ही दृढ़ता से कहनी पड़ेगी कि, आप अपनी थाली खुद नहीं भर सकते, निश्चित ही उसमें कई लोगों का परिश्रम जुड़ा हुआ है ! सम्भव है, आपको सब कुछ दिखाई दे रहा है परन्तु आज भी ऐसे कई महानुभाव हैं जिन्हें चाहकर भी कुछ दिखाई नहीं देता फिर क्यूं करके भोजन फेंकने अथवा बर्बाद करने जैसी भूल करना ! आइए आज ही शपथ लीजिए कि, "आप अन्न का एक दाना भी बर्बाद नहीं करेंगे !"
साधुवाद !