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पागलपन

पागलपन


bharat (Raj) bharat (Raj)

Summary

किसी के , रहने या ना रहने से, अब फर्क नही पडता मुझे। जो भावनाएं, जज्बात थे, वो तो कब के छलनी हुए, अब प्यार का पानी नही, ठहर सकता प्रेम के...More
Poem
HANSA SONDARWA - (05 August 2023) 5

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प्रहलाद माथुर - (22 April 2023) 5
सुंदर भावना व्यक्त की है।

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Publish Date : 17 Apr 2023

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