हनुमानप्रकटोत्सव
*????जय बजरंगबली????*
अंजनी पूत्र श्रीराम दुलारे,
सीता मईया के अति प्यारे,
दुष्ट दलन अहिरावण मारे,
रोग दोष भय कष्ट निवारे,
भक्तन के सब काज सँवारे,
सुर नर मुनि आरती उतारे,
अतुलित बल धामा नाम तुम्हारे,
जन जन वीर श्रीहनुमान पुकारे,
साधक रहे न कभी दुखियारे,
संतन जन के तुम हो रखवारे,
अंजनी गर्भ कपि रूप धारे,
चैत्र पुर्णिमा शिव लिये अवतारे,
जग हर्षित हनुमान पधारे,
भूत पिशाच सब संकट टारे,
कभी किसी से कभी न हारे,
हनुमान रूप धरे अपने अनुसारे,
लंका जला मचाये हाहाकारे,
रावण भयभीत अपने द्वारे,
जय सियाराम सदैव गुहारे,
हनुमानजी की जय जयकारे।।
----- हरनारायण चन्द्रा
