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15 अगस्त

15 अगस्त स्वतन्त्रता दिवस
जैसा कि आप सब जानते है, कि 15 अगस्त के दिन हम अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते है। इस दिन सभी स्कूलो, कार्यालयो व अन्य स्थानो पर हमारा राष्ट्रिय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है। हमारे झंडे के तीन रंग अर्थात ऊपर केसरिया त्याग का, बीच मे सफ़ेद शांति का, सबसे नीचे हरा रंग हरियाली का प्रतीक माना जाता है। सफ़ेद रंग के बीच मे नीले रंग का चक्र होता है जिसमे 24 तिलीया होती है, जो 24 घंटो का प्रतीक है। सभी जगहो पर मुख्य अतिथि तिरंगा फहराते है। गीत, भाषण, नृत्य आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है व मिठाई तथा पुरस्कार दिये जाते है। यह आजादी हमे हमारे देश के वीर शहीदो के संघर्षो, त्याग व बलिदान के स्वरूप प्राप्त हुई है अतः हमे आजादी के स्वतन्त्रता सेनानियो का तथा हमारे तिरंगे का आदर व सम्मान करना चाहिए।
आज मैं आपसे चर्चा करना चाहुंगी कि क्यूँ हमारा देश सोने कि चिड़िया कहा जाता था। हमारे देश भारत का नाम महा प्रतापी राजा दुष्यंत व रानी शकुंतला के तेजस्वी पुत्र भरत के नाम पर रखा गया है। वह बचपन से ही सिंह शावको के साथ खेलता व उनके मुंह मे हाथ डालकर उनके दाँत गिनता था। भारत वीरो की भूमि है। यहा चंद्रगुप्त, अशोक, विक्रमादित्य, हर्षवर्धन, पृथ्वीराज जैसे यशस्वी वीरो ने अपना नाम कमाया है। प्रताप, शिवाजी व गुरु गोविंद सिंह हमारे देश के गौरव है। रामकृष्ण, बुद्ध, महावीर नानक आदि महापुरुषों की कर्मस्थली है भारत देश। वाल्मीकि, व्यास, कालिदास, तुलसी, कबीर व चाणक्य जैसे ऋषि मुनि व साधू संत यहा हुए। वेद, उपनिषद, गीता, पुराण आदि भारत की देन है। जगत जननी सीता, अहिल्या, द्रोपदी, दुर्गावती व लक्ष्मीबाइ जैसी श्रेष्ठ महिलाओ का जन्मस्थान भारत है। ध्रुव, प्रहलाद, अभिमन्यु, लव, कुश आदि बालको ने भारत देश की सेवा मे अपना योगदान दिया। इस पुण्यभूमि पर अनेक सुंदर व आकर्षक दर्शनीय तीर्थ स्थल है हरिद्वार, काशी, मथुरा, प्रयाग, अयोध्या। कृष्ण, कावेरी, नर्मदा, गोदावरी आदि नदिया धरती को पावन बनाती है। भारत को इसलिए सोने की चिड़िया कहा जाता था, अब यह स्वतंत्र प्रभुत्व देश बन गया है। मानो सिंह जाग उठा है। वह दिन दूर नहीं जब पूरे विश्व मे भारत का नाम उजागर होगा। इसके लिए हमे कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा।
राष्ट्र ध्वज फहराने संबंधी कुछ नियम है हमे उनका ध्यान रखना चाहिए जैसे राष्ट्र ध्वज फहराते समय हमेशा सावधान की मुद्रा मे खड़े होना चाहिए। इसे फहराने के बाद राष्ट्र गान जन गण मन गाना चाहिए। राष्ट्र ध्वज हमेशा सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जाता है। राष्ट्र ध्वज को हमेशा दाहिने कंधे पर लेकर चलना चाहिए।
जय हिन्द जय भारत
- जयश्री गोविंद बेलापुरकर, हरदा।

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