महिला सशक्तिकरण एक स्थिर भविष्य
महिला सशक्तीकरण,एक स्थिर भविष्य,,,
आजकल महिला सशक्तीकरण शब्द बहुत प्रचलित है बल्कि यूं कहिए एक फैशन बन गया है,,,,,
और मैं इस शब्द से बिल्कुल इत्तिफ़ाक नहीं रखती,,, वैदिक काल की गार्गी , मैत्रेई,शकुंतला से ले कर मुगल काल हो या अंग्रेजों का समय सब तरह के युद्धों में सब तरह की परिस्थितियों में नारी पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी दिखीं हैं।
अगर परिस्थिति प्रतिकूल है तो उसमें कई बार पुरुष भी उतना ही असहाय हो जाता है जितनी नारी ,,,,
हां यह बात सच है कि जहां जहां रीति रिवाज ,अंधविश्वास, जाति व्यवस्था के अंतर्गत लिंगभेद किया जाता हो लड़कियों को दूसरे दर्जे का या महत्वहीन समझा जाता हो वहां वहां पूरे समाज को आमूलचूल परिवर्तन करना ही चाहिए,,,।अब तो शासन भी महिलाओं को अनेक सुविधाएं देने लगा है,,,हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। बस ज़रूरत शिक्षा की,,,है,,,, हर लड़की अगर अपने हिस्से की शिक्षा पा जाती है तो भविष्य सुनहरा है ही।मैने देखा है कई सुदूर गांव के लोग शहरों में केवल इसीलिए मज़दूरी करने आते है ताकि उनके बच्चे अच्छे सुविधायुक्त वातावरण में पढ़ सकें,,ये एक
बहुत बड़ा बदलाव है समाज की विचारधारा का।
मुझे पूरा विश्वास है कि यही छोटे छोटे बदलाव बहुत बड़े शिक्षित समाज का निर्माण करने में सक्षम होंगे , और,,,,हो भी रहे है। एक छोटी सी बात मुझे नजर आई एक बस्ती में जिसका नाम संपेरा कालौनी था ,,वहां जब मैं आंगनवाड़ी में गई तो पढ़ाई की चर्चा के दौरान छोटी छोटी लड़कियां बोली मैडम अब तो पढ़ना ही पड़ेगा नहीं तो हम मोबाइल में टाइप कैसे कर पाएंगे , ज़रूरत पड़ने पर पुलिस को कैसे बुलाएंगे और मैडम आप से भी तो बात कर सकेंगे,,, इतनी छोटी सी, सरलता से कही गई बात से मुझे लगा कि डिजिटल क्रांति ने शिक्षा के क्षेत्र में कितना बड़ा बदलाव लाया है,,,शिक्षा अब जरूरत बन गई है।
तो सशक्तीकरण का सीधा संबंध शिक्षा से है । निकट भविष्य में भारत संपूर्ण रूप से सौ प्रतिशत शिक्षित भी होगा और स्वनिर्मित वस्तुओं का एक बहुत बड़ा बाजार बनेगा ,,,,इस अर्थव्यवस्था में महिला नीव भी होगी और अपने सशक्तीकरण का परचम भी फहराएगी।। हमारी सेना में भी महिलाओं की भागीदारी में कमाल की वृद्धि हुई है,,,भविष्य उज्ज्वल है।बस कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ना है जब तक मंजिल न प्राप्त हो।
माया कौल
अध्यक्ष
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद दिल्ली
