तुम बिन जाऊँ कहाँ????
तुम बिन जाऊँ कहाँ????
फेर कर निग़ाहें
करती हूँ पास आने का इशारा
ये भी तुम न समझो तो
इसमे मेरा क्या कसूर????
मंद मंद मुस्काउं मैं
चेहरे से तुम्हे लुभाऊ मैं
ये भी तुम न समझो तो
इसमे मेरा क्या कसूर????
झुमका मेरा नाचे है
मन तेरा बहलाये है
ये भी तुमको न दिखे तो
इसमे मेरा क्या कसूर????
खुले बालों से बांधना चाहूं
ये घनेरे बादल चाहें तुझको घेरना
ये भी तुमको न दिखे तो
इसमे मेरा क्या कसूर????
तुम बिन दिल कहीं लगता नहीं
ये भी तुमको हर पल बतलाऊँ मैं????
Anjju