बातें
बातें तो हज़ार करता हूं
तुमसे करना कहां आता है
मौसम कितना भी असर करे
मेरी आंखों में तुमसा फूल कहां आता है
एसी फूलों भरी बातें आती है मुझे
तुम्हारे सामने कहना कहां आता है
तुम्हें देखता हूं तो देखता रहता हूं
और शौक करना कोई कहां आता है
जब भी देखता हूं तुम्हें
सीधी सांसों सी उतरती हो
बाकी इतना उजाला सीने में कहां आता है
मोहब्बत है तुमसे कैसे कहूं !
ये दिल का काम है
जुबां को कहां आता है
नहीं मालूम कैसे नीबाह करूं इस हाल से पहली बार है
मुझे प्यार पहले से कहां आता है
जानता हूं तुमसे मिलना है
तो आसमां तक आना होगा
कभी चांद जमीं पर कहां आता है
