देश भक्ति का गीत
न जलती शमा हूँ न हूँ कोई परवाना
वतन से प्यार करता हूँ वतन का हूँ मैं दीवाना
धरोहर है ये मेरी मैं हूँ इसका खजाना
न कोई मेरा घर है ना कोई ठिकाना
वतन ही मेरा घर है वतन ही आशियाना
न जलती शमा हूँ न हूँ कोई परवाना
वतन से प्यार करता हूँ वतन का हूँ मैं दीवाना
मेरा वतन रत्नों में है रत्न रत्नों का है ये खजाना
शमा जब जलती है तो मरता है परवाना
लगी है आग सीने में दुश्मन है जमाना
न जलती शमा हूँ न हूँ कोई परवाना
वतन से प्यार करता हूँ वतन का हूँ मैं दीवाना
जो प्यार ना करें वतन से उसे तो है भागना
गद्दार ना हो कोई वतन में ना हो गद्दारों का ठिकाना
बदल जाऐंगी ये दुनिया बदल जाऐंगा ये ज़माना
न जलती शमा हूँ न हूँ कोई परवाना
वतन से प्यार करता हूँ वतन का हूँ मैं दीवाना
ये इंतजार है मेरा ये एतवार है मेरा
वतन ही शाम हो मेरी वतन ही हो सवेरा
वतन रोशन रहें मेरा न होने देगें अंधेरा
गाऊ ऐसा तराना मदहोश हो जाऐं ज़माना
न जलती शमा हूँ न हूँ कोई परवाना
वतन से प्यार करता हूँ वतन का हूँ मैं दीवाना
