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नज़र अंदाज़ न करना

मातृ दिवस पर जिस माँ को बेइन्तहाँ प्यार दिया कल उसको न नज़र अंदाज़ करना, 

 

माँ ने जन्म देते ही जो चाहत तुम पर लूटाई थी उसकी सौ गुना ताउम्र लूटाती है,

 

ममता के बेमोल मोती पाए है जो माँ से उसे ब्याज सहित न लौटाओ न सही, 

 

थोड़ी सी परवाह से माँ के दिल में जो ममता है उस मुद्दल का मान रखना,

 

पैसों से सब खरीदा जाएगा ठोकर लगने पर जीता रह बेटा कहने वाली माँ नहीं मिलेगी

 

दुन्यवी हर चीजों के पर्याय मिलेंगे एक माँ  का पर्याय आज तक कोई नहीं ढूँढ पाया,

 

संभालकर रखना उस खजाने को वृध्धाश्रम की दहलीज़ पर जाकर बेच मत आना।

 

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