मैं लीखना चाहता हूं
मैं लीखना चाहता हूं खूशबु से भरे फूल
मैं लीखना चाहता हूं हंसी से भरे गाल
रंग, रोशनी और किरनो से छलकते नजारों से ज्यादा छुअन करती आंखें
उम्रभर कि याद बन जाए एसी किसी शहद में डूबोकर बोली हुई बातें
ताकि लोग जब जब मेरी बातें देखें
उनको कुछ राहत मिले
इस बेरहम जिंदगी से
मैं बताना चाहता हूं मासूमियत से भरे रिश्ते
दिलों में प्यार भरे इन्सान के भेस में फरिश्ते
मैं अपनी बातों के जरिए कहना चाहता हूं कि इन्सान का इलाज सिर्फ प्यार है
मैं ये बताना चाहता हूं कि हर इन्सान कि गर्ज सिर्फ दरकार है
मैं ये कहना चाहता हूं कि प्यार बहुत कुछ है और नफ़रत कुछ भी नहीं
इन्सान कि जरूरत प्यार है और जरूरत कुछ भी नहीं
ताकि लोग जब जब मेरी बातें देखें उनका दिल ये दुनिया जो एक धोखा है उससे से उठ न जाए
मैं लीखना चाहता हूं एक आदमी और औरत के दिल में दबे लावारस को
वो कितने भी मशरूफ होने का ढोंग करें उनकी हरपल बेचैन रहती तरस को
एक आदमी और औरत के वहशी जिस्मों के बारे में बहुत कुछ लीखा गया है
मैं लीखना चाहता हूं उनकी रूहों का मिलन
मैं लीखना चाहता हूं उनकी रूहों के न मिलने तक लगती हुई अगन
ताकि लोग जब जब मेरी बातें देखें उनका दिल इस रसहिन दुनिया में भी लगा रहे
