रचना के विवरण हेतु पुनः पीछे जाएँ रिपोर्ट टिप्पणी/समीक्षा

नेताजी सुभाषचंद्र बोस

नेताजी सुभाषचंद्र बोस

भारत माँ का सपूत नेताजी सुभाष थे,

स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी थे।

रोम रोम उठी थी चिंगारी  स्वतंत्रता की,

बोल रहे थे चरखो पर आयेगी आझादी,

मौन, अनशन से चल दौडेगी आझादी,

अमानुषतासी रही फिरंगो की जल्लादी, 

दानवोंको नष्ट करने प्रगटे नेताजी सुभाष थे,

भारत माँ का सपूत नेताजी सुभाष थे,

स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी थे।

आझादी के लिये दान मांगा खुन का,

मातृभूमी के लिए उद्घोष जय हिंद का,

राष्ट्ररक्षा के लिए कदम बढाये गीत का,

धर्म लिए शस्त्र उठे विचार अभिमान का,

देशगौरव महाशस्त्र नेताजी सुभाष अस्त्र थे।

भारत माँ का सपूत नेताजी सुभाष थे,

स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी थे।

गुलामी की शृंखला यह फिरंगी ने बांधी

शस्त्र की क्रांती से स्वतंत्रता की आंधी,

देश आत्मरक्षा लिए सशस्त्र की क्रांती,

क्षात्रतेज से आयेगी जन जन मे शांती,

विवेकानंद की प्रेरणा लिए सुभाष सम्मान थे,

भारत माँ का सपूत नेताजी सुभाष थे,

स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी थे।

*✍️@ अमोल तपासे, सीताबर्डी, नागपूर tapaseamol31@gmail.com*

टिप्पणी/समीक्षा


आपकी रेटिंग

blank-star-rating

लेफ़्ट मेन्यु