रचना के विवरण हेतु पुनः पीछे जाएँ रिपोर्ट टिप्पणी/समीक्षा

गज़ल

ये किसकी है साजिश ये किसका कहर है

सिपाही हैं पहरे पे लुटता शहर है


पिये पउवा ,बीड़ी जिगर से जलाई

वो ये कह रहे हैं फिजा में जहर है


सिंचौनी का नोटिस समय से है आया

भले ही समय पे न आई नहर है


हुआ काम मिनटों में दफ्तर के बाहर

जो अन्दर हुआ न अढ़ाई पहर है


विधायक जी मउजै करैं क्यों न दीक्षित

बड़ी पार्टी की करारी लहर है


✍️....पं शुभांकित दीक्षित दीवाना"

टिप्पणी/समीक्षा


आपकी रेटिंग

blank-star-rating

लेफ़्ट मेन्यु