नन्ही नन्ही बूँदे
बारीशो की बूदो की
देखो देखो रफ्तार
नन्ही नन्ही बूँदे
बरसाये हैं प्यार.......
हवाओ केे संंग हैैैै आयी
इठलाती लहराती
उसकी यही अदा रे
सुकु दिल को दिलाती
भाया रे हमे उसका
रसता गिला क्षृृृृगार
बारीशो की बूदो.......
सावन की सरताज
निखरा हर अंदाज
फूल फूल सी हल्की
मीश्री से मिठेे अल्फाज
धनक धनक उठे
सौम्य शितल जल धार
बारीशो की बूदो........
मस्ती मेे मस्त घटा
घटा से घिरी दामिनी
बरपाये हैं रोशनी
खेल खेल हर बार
चमक रही धरती
पाके हरा अलंकार
बारीशो की बूदो......
अर्चना संजय चंदनखेडे
मनीष नगर, नागपूर