में तेरी परछाई हूं
में तेरी परछाई हूं
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कोई तेरे साथ चले ना चले में तेरी परछाई हू,
तेरे संग आई मिटूंगी संग तेरे में तेरी परछाई हूl
ना घर है ना कोई ठिकाना तुम्ही से वजूद मेरा,
तेरे संग ही जीना मरना गैरो के लिए हरजाई हू।
बहेका हुआ है आईना खूबसूरत शक्ले देख कर,
दिखाता नही तेरे संग मुझे तेरी रुहमे समाई हू।
तन्हा हो गया तेरे घर का आसमान तेरे जाने से,
तन्हा नही तू साथ हू में तेरी अपनी ही तन्हाई हू।
गर लौटकर तू आया हसीन जहान में दोबारा,
तेरे कदमों में फिर नजर आऊंगी तेरी परछाई हू।
-किरीटकुमार पी.वाघेला