इंद्रधनुष सा जीवन
जीवन बीत गया है
इन्द्रधनुष से रंगो के समूह में
कुछ खट्टे मीठे अनुभव
कुछ अपनों के स्वरूप में
जीवन बीता जैसे
इन्द्रधनुष हो आसमान में
रंग बदला तब
जब हम शिशु से यौवन हुए
रंग बदला जब हम
विचरण किया चारो अवस्था में
रंग तब बदला जब
हम ढल गए लोगो के अनुसार
या रंग तब बदला जब
हम बदले अपने हित के अनुसार
ये इन्द्र धनुष सा जीवन
बदल रहा है पल पल
स्वरचित
कवि भरत मिश्रा
