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मोहब्बत् मे मुझे जीतनी थी हर जंग

1

मोहब्बत् मे मुझे जितनी थी हर जंग,
इसलिये मैने हारणा सिखलिया

मोहब्बत मे मुझे जिना था हर रंग
इसलिये मैने बेरंग मरणा सिखलिया

2...................................

यु गहराही थी उनके आखो ने,
के हम गिरे और डुबगये,
जो उन्होने झुकायी नजरे ,हम उनकी आखो मे तैरणा सिख गये

यु शरमो हया थी उनकी अदाओ मे
के हम भुले और बिचडगये,
जो उन्होने सवारी जुल्फे, हम हमीसे मिलना सिख गये

3...........................................................

वो चेहरा हमे आइना सा लगता हे,
दिलं तो उनका हे , धडकना अपनासा लगता हे

वो कातिल् आखे हमे तिर से लगते हे,
कसूर तो उनका हे, घायल होणा अपनासा लगता हे

वो बेरुख अदाये हमे साजीस सी लगती हे,
भुले तो वो है, याद आणा आपणासा लगता हे

 

4...........................................................

ये तो आपकी शक्शियत् ये जो हमे हर बार कुरेदती है.....वरना हम तो पत्थर हि है.....हमेशा धुल मे हि मिलेंगे

 

5..................................................................

वो तेरि आखे हि थी जो हमारे हर नशे हर पर भारी
कहानि तो खतम हो गयी किस्सा हि हे जो अभि तक् बाकी

वो तेरि ना कबुलि हि जो हमारे हर दुवा पे भारि
खाइशे तो पुरी हो गयी
मन्नते हि है जो अभि तक बाकी

वो 'तेरी बेअदबि हि थी जो हमारे हर उसुलो पे भारी
जिंदगी तो पुरी हो गयी बस् सासे हि हे जो अभि तक् बाकी

 

6.........................................................

जिंदगी भी कमाल कि हे
मिलते मिलते गुजर जाती हे

रहते हे अधुरे वादे, पुरे तो बस सासे हो जाते हे

 

7.........................................................

Hamare kisse bhi aaj purane the
Kuch sune sunaye to kuch apanaye the. .......phir bhi


Mere gam ka tabhi tha janaja
Jab aap pahli bar hame dekh muskuraye the...,,..

Purani gali ke aaj bhi wahi chaurahe the
Ek taraf ham baki tino khali the........phir bhi..........

Meri tanha hi yo ka tabhi tha janaja
Jab Aap pahli bar yaha padhare the

 

8............................................................

मेरी गुमशुदगि सबूत् हे कि
चर्चे सिर्फ बेइमानो के होते हे

 

9.....................................................

मेरी फितरत् मे हि बेवफाइ हे
ये तो उसकी इनायत् हे कि

उनकी अर्जि हर बार ना कबूल हे

10...............................................

रूह् से मेरी हर आवाज तुज तक् आती हे
न् जाणे कोण हे तु जो मुझे सुनता चला जा रहा हे
मे बेवकूफ लाचार् परिन्दा हूं फिर भी
तु मुझे हर बार उड़ाता चला जा रहा हे

ताकत से मेरी हर आजमायिश् तुझं से हि आती हे
न् जाणे कोण हूं मे तेरा जो तु मुझे देता जा रहा हे
मे अहेम् मे पगला सर फिरासा बंदा हूं
फिर भी तु मुझे सुधरता चला जा रहा हे

इबादत से मेरि हर् सासे तुज़् तक् आति हे
न् जाणे कोण हे तु जो मेरी हर सास को जिंदगी बना ता जा रहा हे
मे कोण हूं शायद मे नहि जाणता मुझे
न् जाणे तु मुझे कैसे जाणता चला जा रहा हे

 

11.................................................................

थक चूका हूं, पूरा जल चुका हूं,
अब ना होसला बाकी हे,
जिन्दा हूं तो बस
सासो का हिसाब बाकी हे....

ना चाहता हूं ना मांगता हूं,
अब ना ख्वयिश बाकी हे,
मिलता हूं तो बस,
दोस्ती का हिसाब बाकी हे

ना बोलता हूं, ना लढता हूं,
अब ना जमीर बाकी हे,
करता हूं तो बस,
जिंदगी का हिसाब बाकी हे

ना सोचता हूं, ना आगे बढ़ता हूं,
अब ना उम्मीद बाकी
बचा हूं तो बस
अपनो से लूटना बाकी हे

जिंदगी से लढ रहा हूं बस
सासो का हिसाब बाकी हे

 

-parthmurkute

 

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