बाल कविता- पुस्तक पढ़बो
पुस्तक पढ़बो
चलो- चलो हम पुस्तक पढ़बो।
पढ़बो लिखबो आगू बढ़बो।।
धीरे- धीरे ज्ञान बढ़ही।
जग म हमर मान बढ़ही।।
नवा- नवा सिखे बर मिलही।
कापी पेन लिखे बर मिलही।।
खेल- खेल म गिनती करबो।
पहिली हम सब विनती करबो।।
जोर सोर ले पाठ पढ़बो।
नवा रद्दा बाठ गढ़़बो।।
दया भाव के दीया जलाबो।
मन मंदिर ल बने सजाबो।।
जिंनगी म हम रंग भरबो।
चलो- चलो हम पुस्तक पढ़बो।।
चन्द्रहास पटेल "चंदू चंचल"
अकलाडोंगरी (धमतरी)
