मंगल मंगल.. नववर्ष मंगल..
बदल रहा है साल, साथ मगर न हम बदलेंगे..
रुत भी वही रहेंगी मौसम मगर न ये बदलेंगे..
बीता साल विदा करते नये कीर्तिमान हम रचेंगे..
कितने भी दर्द लिए हों सीने में पर पूरे वर्ष हंसेंगे..
नहीं किया होगा अब तक जो नववर्ष में कर गुज़रेंगे..
रहें खुशियां, यार, प्यार बौछार साल तो आते रहेंगे..
दुआ, हंगामे, धमाल, खुशियों से मालामाल रहेंगे..
संयम, साधना, संस्कार, सादगी, स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे..
न हो दुःख, हो न कोई ग़म बस यही दुआ करेंगे..
तोड़ें कोई किसी का दिल, न छूटे साथ किसी का..
बहे प्यार का दरिया चहुंओर यही फरियाद करेंगे..
दुआ है, यकीन है, किस्मत के ताले अवश्य खुलेंगे..
2024 इस्तकबाल है तेरा, 2023 को हंसकर विदा करेंगे..
-अतुल अग्रवाल
(by अतुल्या-टॉक्स.
