गौरैया
गौरैया
कहा गयी अब के नजर नहीं आतीं,
मौसम के सरगम संग तू नहीं गाती,
प्यारे से बोल तेरे, मन को लुभाते,
शोर शराबे सारे, पागलो से सताते |
गुंज उठ तू एक बार, कान तरसे,
देखा नहीं जमाने से, नैना बरसे,
कैसी घड़ी है आज, नया सारा जहां,
तू हमारी सहेली, खो गयी हे कहा?
आंगन में दाने डाले है, आजा चुभाले,
बड़े नाजों से रखते थे तुझको संभाले,
अब वो जमाना , रह गया यादों में,
खलिश सी लगती है, बेगाने वादों में |
कहीं रोज हो ऐसा , तेरा हो दर्शन हमको,
अब तो बस देखते है तस्वीरों में तुमको,
कोई जादू चले तो मैं तुम्हे लगाऊ गले,
ये दुनिया ना किसिकी, नादानो को छले |
संदेश देने वाली आज गुमनाम है,
अपनी पहचान से भी अंजान है,
कुहू - कुहू बोली, शहनाई की डोली,
रंग से रंग जायेंगे, नजदीक हे होली |
मौसम बदले पर तेरा नहीं कसूर,
देखो इंसानों, किस-किस को करोगे मजबुर,
आओ दुलारी, प्यारी, लाडली गौरैया,
मैं सच कहता हु, लूंगा हर रोज बलैय्या |