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मुक्तक

मुक्तक 

कगारों  को कभी सागर नहीं, सरिता गिराया है,

जहाजों  को  कभी आंधी नहीं,दरिया डुबाया है,,

कहाँ  दुश्मन में ताकत थी, मुझे बरबाद करने की?

हमारी   जिन्दगी  में आग, अपनों ने  लगाया है।।

स्वरचित 

जीवन जिद्दी जनपद फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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