पुस्तक तपशिलाकडे परत अहवाल पुनरावलोकन

अभंग

प्रगटला माझा शेंगावी श्रीगुरु 

ठेवी अभयकरू हस्त शिरी!!१!!


जाऊनी करूया दर्शन तयांचे 

 संत गजाननाचे आपण!!२!!


निवारील सारे संकट पाठीचे!

होऊयां मुक्तीचे हक्कदार!!३!!


संतदास म्हणे गजानन सखा 

होई पाठीराखा आमुचीया!!४!!

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संतदास पु रा हिंगणकर पुणे.

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