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पर्यावरण

ये समा कुछ कहना चाहती
ये सहरा कुछ कहना  चाहते
पेड़ों  की झनझनाहट 
ये चिडियों की चहचहाहट 
ये जानवरो की आवाज 
ये नदियों  का लहराना
ये कुछ कहना चाहती 
हमे भी उसी ने पैदा किया 
जिसने तुझे  पैदा  किया 
मेरे अन्दर  भी जान है
और दर्द  का अहसास  है
मुझे  न काटो तुम 
मुझे  न मारो तुम 
           शबाना परवीन 

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