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नारी ही रोकती

नारी नारी नारी
नारी ही नारी की दुश्मन 
नारी ही नारी के जलने का कारण 
नारी ही नारी को जगाया
नारी ही नारी को दबाया
वाह रे नारी वाह ने नारी
कही नारी को सम्मान  दिया
कही नारी को अभिषाप का नाम दिया 
वाह रे नारी वाह रे नारी
नारी को समझ सका न कोई
वाह रे नारी वाह रे नारी
                शबाना परवीन 

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