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दोहे

कुछ दोहे 

उत्तर   में   रक्षा  करे,  हिमपति   पहरेदार।

तीन तरफ सागर  बना, भारत का रखवार।।

 

गंगा   जमुना  शारदा,  बहती  निर्मल  धार।

 नदी   नर्मदा  गोमती,  भारत   का  श्रृंगार।।

 

जहां भास्कर की किरण, प्रथम करें उजियार।

मेरा    हिंदुस्तान   वो,  जान    रहा    संसार।।

 

बैठ एक ही डाल  पर,  चिड़ियां   गाती  गीत।

रूप जाति मजहब अलग,लेकिन सांचे मीत।।

 

जहां  राम  आकर  रखा,  मर्यादा  का   मान।

पत्थर   तैरे    सिन्धु  में,   वो   है   हिंदुस्तान।।

 

तीन देव भोजन किया, धर  बालक  का भेष।

अनुसुइया  गोदी  लिया , वह   है  भारत  देश।।

 

जहां  सुदामा  से मिले,  मोहन  भर  मुस्कान। 

प्यारा  सिंहासन  दिया,   वो    है    हिंदुस्तान।।

 

जहां    पूजते    नारियां,   होता    कन्यादान।

पत्थर  में    ईश्वर   बसे,   वो   है   हिंदुस्तान।।

 

गिरजाघर  मंदिर   जहां,  गुरुद्वारा  का   ज्ञान। 

मस्जिद   में  रहते  खुदा ,  वो   है   हिंदुस्तान।।

 

बारह    ज्योतिर्लिंग   हैं,  बसते  शिव  भगवान।

चार   धाम   तीरथ   जहां,  वो   है    हिंदुस्तान।।

स्वरचित

 जीवन जिद्दी

ग्राम रिठवां (भैरवा )जनपद फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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