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कभी-कभी देर होना भी ज़रूरी है....

कभी-कभी देर होना भी ज़रूरी है,
ज़िंदगी के सफ़र में रुकना भी ज़रूरी है।

हर पल भागते-भागते ठहरना,
और ख़ुद से बात करना भी ज़रूरी है।

जो दौड़ में हैं वो जीत सकते हैं,
पर जो ठहरते हैं, वो जी सकते हैं।

हर मंज़िल की तरफ़ दौड़ने वाले,
रास्तों की ख़ूबसूरती भूल सकते हैं।

देर से निकलते हैं जो सुबह,
उनकी शामें कभी ज़्यादा हसीन होती हैं।

जो ठहरे हैं पलभर सोचने को,
उनकी उम्मीदें ज़्यादा रंगीन होती हैं।

देर में जो खुशबू आती है फूलों की,
वो जल्दी तोड़ने पर नहीं मिलती।

ज़िंदगी का स्वाद भी वैसे ही,
सुकून से जीने पर ही खिलती।

तो कभी रुक जाओ, धीमे चलो,
हर घड़ी को महसूस करने दो।

देर सही पर सच्चा हो हर लम्हा,
बस यही जीवन को खूबसूरत करने दो।

कभी-कभी देर होना भी ज़रूरी है,
ख़ुद को वक़्त देना भी ज़रूरी है।

क्योंकि जो रुककर जीते हैं इस जहां में,
वो असली सुख पाते हैं इस गगन में।


इंजी. शेर बहादुर 
@yaadein_yaad_aati_hain

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