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चालीस पार

बहुत कुछ सुन्दर था

उसके और मेरे मध्य में..

ऊपर नीला आसमान

नीचे  उजला झरना.....

उसकी शफआ़क बातें.....

मेरे मन में हजार बातों का 

एक जवाब 

.......जी......

 

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