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बेईमान प्रेमी


                        बेईमान प्रेमी!

              शाम का समय था, जैसे ही सूर्य देव लौटने की तैयारी कर रहे थे, सृष्टि पर एक सुंदर, अनोखी, मनमोहक छटा फैल गई।  वैलेंटाइन्स डे यानि प्यार के दिन का माहौल उस छाँव में अपनी अनोखी छवि बना रहा था। प्यार के दिन के मौके पर प्यार करनेवाली जोडीयां अलग-अलग तरीकों से अपने प्यार का इजहार कर रहे थे।  शहर के बगीचों में काफी भीड़ थी। वातावरण में फैली धुंध में प्रेमी-प्रेमिका बेहोश हो रहे थे। हर प्रेमी उस दिन को अविस्मरणीय बनाने की कोशिश कर रहा था, तभी शहर के बीचों-बीच स्थित 'रति अस्पताल' के स्वागत कक्ष में फोन की घंटी बजी। बगल में बैठी युवती ने फौरन फोन उठाकर मधुर स्वर में कहा,

"रति अस्पताल में आपका स्वागत है। सबसे पहले, हमारे अत्याधुनिक अस्पताल से हैप्पी वेलेंटाइन डे! कहिए। मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकती हूं?"

"धन्यवाद! एक पल के लिए, मुझे आश्चर्य हुआ क्योंकि अस्पताल जैसी भीडभाड़ वाली, दुखदायी जगह से इतनी मीठी आवाज में अभिवादन! लेकिन खुशी है। धन्यवाद! मुझे एक एम्बुलेंस चाहिए थी।"

"एम्बुलेंस? यह क्या बात हुई, ऐसे यादगार दिन पर एम्बुलेंस? अच्छा!  इस खास दिन को स्पेशल बनाने के लिए आप अपनी गर्लफ्रेंड को एंबुलेंस में घुमाने जा रहे हो....?"

"एक मिनट मैं 'मदन' होटल से बोल रहा हूँ..."

"वाह! क्या शानदार जोड़ी बनी है, रति... मदन! खैर, क्या कोई दुर्घटना हुई है? क्या कोई लड़ाई हुई? पुलिस को सूचित किया है?...."

"मम...मम... मैडम सुनो तो। हमारा मदन होटल फाइव स्टार है। आज वैलेंटाइन डे है इसलिए हमने एक योजना बनाई है। इसके अनुसार, जो कोई भी आज हमारे होटल में अपनी पसंदीदा प्रेमिका के साथ आएगा, उसे तीस प्रतिशत छूट मिलेगी।"

"ओह, वाह! कितना अच्छा है! बहुत भीड़ जमा हो गई होगी, है ना?"

"भीड़ तो हो गई है। आगे की योजना तो सुनो। जो कोई भी अपनी पत्नी के साथ अकेला आएगा, उसे पचास प्रतिशत छूट मिलेगी..."

"ऐसे कैसे? प्रेमिका के साथ तीस प्रतिशत और पत्नी के साथ पचास प्रतिशत यह तो प्रेमिका के साथ अन्याय है। अच्छा, मुझे बताओ, जो अकेला हैं उनके लिए कोई विशेष छूट... कहने का मतलब अविवाहितों के लिए खास सुविधा है?"

"हाँ। उनके लिए भी एक विशेष पेशकश है। अगर ऐसे अविवाहित युवक-युवती हमारे होटल में आते हैं, तो होटल उन्हें आज के लिए अपना साथी चुनने का मौका देगा और उन्हें तीस प्रतिशत की छूट भी मिलेगी।"

"अरे, ऐसी जोडी बनाने का मतलब है, खाओ पिओ, ऐश करो, मजे ले लो और भाग जाओ..."

"मैडम, अपनी सोच बदलो, देश अपने आप बदल जाएगा। हमारी राय है कि अगर ऐसे अविवाहित लड़के और लड़कियों को एक साथ बैठने, खाने, चैट करने का मौका मिले, तो ये कुछ पल उन्हें शादी के पवित्र बंधन में बंधने का मौका दे सकते हैं। आजकल अनुरूप जोड़ीदार मिलना कितनी मुश्किल बात है। हम बिना कोई चार्जेस लिए एक- दूसरे को समझने का, मेलजोल बढ़ाने का मौका दे रहे हैं। दूसरा फायदा यह होगा कि, इससे दहेज की समस्या भी हल हो जाएगी।"

"यह सही है। मान लीजिए कि कोई आपकी योजना का लाभ लेने के लिए एक अलग योजना बनाता है तो? मतलब यदि कोई अपने प्रेमिका को अपनी पत्नी के साथ लाता है तो?"

"बहुत अच्छे! अब देखो, आपकी एम्बुलेंस रास्त पर आ गई। जैसा आप कहती हैं, वैसी एक योजना है। जो कोई भी प्रेमिका और पत्नी दोनों को साथ लेकर हमारे होटल में आएगा उसे नब्बे प्रतिशत छूट मिलेगी, और उन्हें शहर में कही भी होटल के खर्चे पर पहुंचाया जाएगा।"

"अरे, बस सुनकर ही मेरी उत्सुकता बढ़ने लगी है। ऐसे लग रहा मै भी किसी के साथ होटल मदन पहुंच जाऊं। खैर, मुझे बताओ, क्या सुबह से अभी तक ऐसा त्रिकोणीय मैच हुआ है? मेरा मतलब है, क्या कोई तिकड़ी आई थी? कोई अपनी पत्नी और प्रेमिका के साथ आया था?"

"शुरुआत तो हुई है। एक नहीं, बल्कि दो मैच हुए... दो पुरुष अपनी अपनी पत्नी और प्रेमिका के साथ आए थे।"

"क्या कहते हो? बड़ा हसीन नजरा होगा। उन दो सज्जनों को हमारी ओर से बधाई दीजिए।"

"एक सज्जन को तो आपकी बधाई नहीं दे सकता क्योंकि हमने उस पर दोगुना जुर्माना लगाया और उसे बाहर कर दिया।"

"जुर्माना क्यों?"

"क्या हुआ, हमारी योजना का फायदा उठाने के लिए एक महाशय अपनी पत्नी के साथ प्रेमिका के रूप में जो लडकी लेकर आए थे, वह उसकी प्रेमिका नहीं बल्कि उसकी साली थी... साली।"

"क्या साली? हद हो गई। लेकिन एक बात समझिए, 'साली आधी घरवाली हो सकती है' तो एक  दोस्त या एक प्रेमिका भी हो सकती हैं। खैर, उनके रिश्ते का यह राज सामने कैसे आया?"

"आज की विशेष छूट का लाभ उठाने वालों को हम एक फॉर्म दे रहे हैं। इसमें उन्हें तीनों का नाम, उम्र और संबंध लिखना है। इस सज्जन ने 'साली' के बजाय 'गर्लफ्रेंड' लिखा। तीनों उनकी मेज पर बैठ गए। खाना ऑर्डर करते समय, खाना आने तक और खाना खाते समय उन तीनों में बहुत हंसी मजाक चल रहा था। जब वे बातें कर रहे थे, वह साली बड़े माशुकाना अंदाज में 'जिज्जू, जिजाजी..' ऐसे बुला रही थी और बहन को 'दीदी...' कहकर पुकार रही थी। दूसरी ओर वह आदमी भी प्रेमिका को 'सालीजी... सालीसाहिबा' ऐसे पुकार रहा था। उनकी यह बातें हमारे कर्मचारियोंने सुनी। हमारे कर्मचारियोंने वह सब गोलमाल होटल के व्यवस्थापक को बताया। व्यवस्थापक ने उन्हें डाँटते हुए पूछा। अपनी पोल खुल गई, अपना झूठ पकडा गया यह देखकर वे तीनों हाथ जोड़कर माफी मांगने लगे। लेकिन उन्होंने झूठ बोला था। दूसरे शब्दों में, उन्होंने चोरी की थी। इसलिए उन पर दोगुना जुर्माना लगाया गया..."

"क्या उन्होंने जुर्माना भरा?"

"बिना दिए बाहर नही जा सकते थे। अगर नहीं भरते थे तो अंत में व्यवस्थापक पुलिस को बुलाते।"

"लोग भी कैसे कैसे होते है ना। अच्छा, दूसरे मैच में क्या हुआ?"

"वह शेर अपनी पत्नी और प्रेमिका के साथ आया था।"

"वाह! लोगों की हिम्मत भी कैसे बढ़ी हुई है ना? एक म्यान में दो तलवारें? उस सज्जन की बात छोड़ो लेकिन कितनी आश्चर्य की बात है कि वे दोनों महिला केवल योजना का फायदा लेने के लिए एक-दूसरे की उपस्थिति को स्वीकार करती हैं? क्या वे दोनों पहले से एक- दूसरे को जानती थी?"

"नहीं, यह तो गड़बड़ है। उस आदमीने उन्हें एक-दूसरे के रिश्ते को समझने नहीं दिया था। आज उसने सोचा, चलो आज अपनी पत्नी से अपनी प्रेमिका को मिलाते है और अपनी प्रेमिका को पत्नी से मिलाएं। इस विचार के साथ, उसने एक योजना बनाई। वह अपने घरसे अकेला निकल गया। उस समय, उसने अपनी पत्नी से कहा,

"मेरे कार्यालय में एक लड़की है। वह यहाँ अकेली रहती है। वह भी हमारे साथ खाना खाने आ रही है। मैं आगे जाता हूँ। तुम तैयार होकर एक घंटे में होटल में आओ।" यह कहकर वह निकल पड़ा और अपनी प्रेमिका के साथ होटल मे आया। 'थोड़ी देर में पत्नी आ रही है।' यह बात हमें बताते हुए वह अपनी प्रेमिका के साथ कोने में टेबल पर बैठ गया। दोनों बातें करने लगे। जबकि वह अपनी प्रेमिका को अपनी पत्नी के बारे में बताने की तैयारी कर रहा था, हिम्मत जुटा रहा था तभी उसकी पत्नी आ गई। उसे अपने पति के व्यवहार और बोलने पर पहले से ही शक था, इसलिए वह जल्दी चली आई।..."

"बहुत खूब!  सुनने में बड़ा मजा आ रहा है।  आगे क्या हुआ?" रति होटल के उस लडकी ने ऐसे पूछा मानो वह किसी अजनबी से नहीं बॉयफ्रेंड से बातें कर रही हो।

"पत्नी होटल पहुंची। उसने काउंटर पर अपने पति के बारे में पूछताछ की। वह मेज की ओर निकली। दूर से मेज पर का दृश्य देखकर उसके पैरों के तलवों में लगी आग उसके सिर में पहुंच गई। उसका पति एक सुंदर लड़की का हाथ पकड़ कर कोल्ड ड्रिंक की बोतल में दो नली डालकर दोनों बड़े मजे में कोल्ड ड्रिंक का आनंद ले रहे थे। वह पत्नी के बारे में प्रेमिका को बताने के लिए शब्दों को जोड़ रहा था, तभी उसकी पत्नी वहां पहुंच गई। पति को उस अवस्था में देखकर पत्नी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। आँखें गुस्से से जल रही थीं, थरथर काँप रही थी। जैसे ही पति का ध्यान उसकी ओर गया, वह भयभीत हो गया। होटल के वातानुकूलित वातावरण में उसका चेहरा पसीने से तर हो गया। उन दोनों की प्रतिक्रियाओं देखकर उसकी प्रेमिका असल बात समझ गई। वह भी गुस्से से लाल पीली हो गई। उसकी पत्नी ने आव न देखा ताव, पड़ोस की मेज से एक फूलदान उठाया और उसे सीधे अपने पति के सिर पर दे मारा। पति अपना सिर पकड़ कर बैठ गया, दर्द से कराह रहा था, तभी क्रोधित प्रेमिका ने बगल से पानी से भरा गिलास उठाया और प्रेमी के सिर पर प्रहार किया। वे दोनों खून से लथपथ युवक को छोड़कर चली गई। हमने कई जगहों पर एंबुलेंस के बारे में पूछताछ की।  लेकिन कहीं भी उपलब्ध नहीं है। इसलिए रति अस्पताल में फोन किया।"

"हाँ। रति अस्पताल में तीन एम्बुलेंस हैं। तीन ड्राइवर भी हैं। लेकिन क्या हुआ, एक ड्राइवर की हाल ही में शादी हुई है। वह और उसकी पत्नी हनीमून के लिए गए हैं... अस्पताल की एम्बुलेंस लेकर..."

"क्या? हनीमून मनाने के लिए एम्बुलेंस?"

"हां  रति अस्पताल की यही परंपरा है।  हमारा अस्पताल कर्मचारी के हनीमून का खर्चा उठाता है... जिसकी पहली शादी होती है। यात्रा के लिए एक विशेष वाहन के रूप में एम्बुलेंस प्रदान करता है..."

"ओह! वाह!! केवल अकल्पनीय! ठीक है, तीन एम्बुलेंस है ना?"

"हाँ, है। लेकिन दूसरा ड्राइवर गंभीर रूप से बीमार है और हमारे अस्पताल में अति दक्षता विभाग में है।"

"तीसरा ड्राइवर तो होगा ना?"

"है, हाँ। मैं यह सोच रही थी कि आपको कैसे बताऊं। बात ऐसी है, आज वेलेंटाइन डे है, इसलिए ... हम दोनों ....म..म..म..मेरा मतलब है, ड्राइवर और मैं आज रात नौ बजे एक-दूसरे से मिलने जा रहे हैं और एक-दूसरे से अपने प्यार का इजहार करने जा रहे हैं। वह मुझे प्रपोज करनेवाला है। वह छूट्टी लेकर आगे गया है। मैं भी निकलने की सोच रही थी तभी आपका फोन आया। एक... एक बात बताइए ना... आपने अभी कहा की, उन के नाम आपने एक फॉर्म पर लिखें है... वह... वह जो घायल है, क्या आप मुझे उसका नाम बता सकते हैं? ऐसे ही पूछा..."

"क्यों नहीं? एक मिनट... हां... मिल गया। उसका नाम है... सुशीलकुमार खाता...।"

"क्या? सुशील? खाता? हे भगवान, यह क्या हुआ? मुझे लूट लिया, बर्बाद किया उसने। मैं किसी को भी चेहरा दिखाने लायक नहीं रही।"

"क... क... क्या हुआ? आप ऐसा क्यों कह रही हो?"

"मैं आपको कैसे बताऊं? अरे, आपके होटल में घायल सुशील ने एक नहीं बल्कि हम तीनों को धोखा दिया है। मैं उसके बच्चे की माँ बनने जा रही हूं... कुछ ही महिनों में... " कहतें कहतें युवती के हाथों से रिसिवर नीचे गिर गया....

                        ००००

        नागेश सू. शेवाळकर,

        फ्लॅट नं. B 304,

        प्रिस्टीन प्रोनेक्स्ट,

        पिंक सिटी रोड,

        वाकड, पुणे 411057

       ????9423139071. 


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