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रिश्क वाला इश्क

"जल्दी करो.. जल्दी करो, इससे पहले सुबह हो जाए, जल्दी खोदो।" एक साठ पैसठ साल का आदमी बोला, जो कुछ मजदूर से दिखने वाले लोगों से एक खंडहर सी जगह पर खुदाई करवा रहा था। बोलने के तरीके से ही पता लगाया जा सकता था कि वह उन सब का सरदार है और किसी चीज की खोज करने के लिए यहां पर आए हैं। काफी खुदाई करने के बाद मजदूरों की आंखों में खुशी की एक लहर दौड़ गई।


" सर नीचे कुछ है!" एक मजदूर ने चमकती हुई आंखों से कहा।


"जल्दी देखो क्या है?"

जल्दी ही थोड़ा और खोदने के बाद एक ताबूत बाहर निकला।


"मेरे इतने सालों की मेहनत रंग लाई, आखिर मुझे वर्षो पुरानी ममी मिल ही गई।" सरदार की खुशी शब्दों से ही जाहिर हो रही थी।


थोड़ी ही देर में उस ताबूत को खोला गया....

"यह क्या? एक बिल्ली की ममी" सरदार ने थोड़ा निराशा सी दिखाई लेकिन फिर भी उसको इस बात की खुशी थी चाहे बिल्ली की ही सही ममी मिली तो।

"ये एक बिल्ली की मम्मी है, अगर बिल्ली की ममी यहां है तो फिर दूसरी ममी भी आसपास ही होगी।" कहते हुए उसने फिर से मजदूरों को आसपास की जमीन को खोदने का आदेश दे दिया।

काफी खोजने के बाद भी उनके हाथ वो नहीं लगा जो वो पाना चाहते थे।

थक हार कर वे लोग वहां से बिल्ली के ताबूत के साथ वापस चले गए।

                                  ****

अगले दिन जब लोगों के सोने का समय होने लगा तभी कहीं एक हलचल सी होने लगी थी। कोई था जो लम्बी गहरी नींद के बाद उठ रहा था। इधर उधर चरमराने के बाद आखिर वो उठ खड़ा हुआ। एक जोरदार आवाज के साथ उस गुफा में रखा ताबूत का दरवाजा उड़कर दूर जा गिरा और उसमें से अंगड़ाई लेती हुई एक ममी बाहर निकल आई।

उसके बदन पर चारों तरफ पट्टियां लिपटी थी, बस चेहरे पर पट्टियां नहीं थी। अभी भी उसका चेहरा एकदम ऐसे था जैसे वो कभी मरा ही न हो। उसके चेहरे से अंदाजा लगाया जा सकता था कि कभी किसी जमाने में वो बहुत खूबसूरत रहा होगा।


"बहुत टाइम के बाद बाहर आना हुआ।" अंगड़ाइयां लेती हुई वह ममी बोली। अपने बदन को झाड़ने के बाद अंधेरे में ममी बाहर की तरफ चल दी।

इधर उधर देखते हुए वह ममी आगे की दिशा में बढ़ने लगी।अपने मस्त सी चाल में वह ममी आगे बढ़ गई। रात हो जाने के कारण कोई भी उसके रास्ते में नहीं आया।

चलते चलते वह ममी दूसरे शहर में चली गई सभी घरों को सूंघती, टटोलती वह ममी आगे बढ़ने लगी, मानो उसे किसी चीज की तलाश हो। आखिरकार उसे उसकी मंजिल मिल ही गई, एक घर के सामने जाकर वह ममी खड़ी हो गई।

चारों दिशा में चक्कर लगाने के बाद जब उसे अंदर जाने का कोई रास्ता नजर नहीं आया तो उसने दरवाजे पर दस्तक दी।

एक लड़की अंदर से "कौन है?" बोलती हुई दरवाजा खोलने  बाहर आई, जब बाहर से कोई आवाज नहीं आई तो उसने दरवाजा खोल दिया। सामने का नजारा देख वह लड़की वही बेहोश हो गई। उस लड़की को लगा मानों उसने आज साक्षात भूत के दर्शन कर लिए हैं। उसके सामने ऐसा शख्स था जिसके पूरे बदन पर पट्टियां लिपटी हुई थी, तो भला वो कैसे होश में रहती। दूसरी तरफ ममी का हाल भी कुछ कम देखने लायक नहीं था। लड़की को देखने के बाद ममी खुद बेहोश होते होते बची। एक सुंदर सी लड़की को देख उसका दिल धक-धक करने लगा।

"अभी तो उठा हूं पागल लड़की, फिर से सुलाएगी क्या?" ममी ने उस लड़की को देखते हुए कहा।


"मैं आया किस काम के लिए था?" उस लड़की को बेहोश देख ममी सोचने लगी।

"अरे यार इसको देख कर मैं तो अपना काम ही भूल गया!" अब भी उस लड़की को बेहोश देख उसने फटाफट से लड़की को अपनी बाहों में उठाया और पास ही रखे सोफे पर लिटा दिया फिर खुद पास बैठकर उसको निहारने लगा। जब काफी देर तक लड़की होश में नहीं आई तब ममी  ने पास में रखे पानी के जग से कुछ बूंदे उस लड़की के मुंह पर मारी। लड़की हड़बड़ाते हुए उठी और फिर ममी को देखते ही बेहोश होकर गिर गई।

"अरे कितनी कमजोर है, लगता है इसके खान-पान का ध्यान भी रखना पड़ेगा, ऐसे कोई बार-बार बेहोश होकर गिरता है भला?" बोलते हुए उसने फिर से कुछ बूंदे उस लड़की पर डाली।

लड़की एक बार फिर होश में आई लेकिन इस बार बेहोश होने की जगह वो चिल्लाती हुई दूसरी तरफ हट गई।

"कौन हो तुम देखो? मेरे पास मत आना?" लड़की का डर कम नहीं हुआ था।

"मैं कोई भूत नहीं हूं, जो तुम मुझसे इतना डर रही हो, मैं ममी हूं।"


वैसे तो लड़की को इस बात पर जरा भी विश्वास नहीं हुआ लेकिन फिर भी वो उसकी बात मान गई। क्योंकि उसके पापा पुरातत्व विभाग में काम करते थे इस कारण उसे ममी के बारे में थोड़ी बहुत नॉलेज थी।

"अगर तुम ममी हो तो फिर खुद चल-फिर कैसे रही हो?" लड़की ने पूछा।

"ममी तो ताबूत में बंद रहती है?"

"हां तुम्हारी बात सच है, लेकिन ममी के पास भी दिल होता है, इसलिए ममी भी चल सकती है और खाना भी खा सकती हैं और जब उनकी प्यारी चीज को कोई चुरा कर ले जाए तब वह उस चीज को वापस पाने के लिए मीलों तक का सफर भी तय कर सकती है।" ममी ने बताया।


लड़की आश्चर्य से ममी की सारी बातें सुन रही थी।

"लेकिन तुम यहां क्यों आए और तुम्हारी कौन सी चीज चोरी हो गई?"


"मैं यहां अपनी बिल्ली की तलाश में आया हूं, मेरी बिल्ली को एक आदमी चुरा लाया और वह इसी घर में है।"

"लेकिन यहां तो मैं और मेरे पापा ही रहते हैं तो आपकी बिल्ली यहां कैसे हो सकती है?"

"अच्छा वो बूढ़ा आदमी पिता है तुम्हारा?" ममी ने कहा 

"बूढ़े से क्या मतलब?" लड़की ने चिढ़ते हुए कहा।

"मतलब कुछ भी नहीं" ममी ने प्यार भरी नजरों से लड़की को देख कर कहा।

"मेरे पापा ऐसा नहीं कर सकते। वो कोई चोरी नहीं कर सकते।" लड़की को खुद भी इस बात पर यकीन नहीं था क्योंकि कुछ दिन पहले ही उसके पापा कोई चीज लाए थे, जिसे वो सबसे छुपा रहे थे।

"तो अपने पिता से ही पता कर लो?" एक बार फिर ममी ने उसकी शंका मिटाने के लिए कहा।

"पापा किसी काम से शहर से बाहर गए है।"

"ओह अच्छा है.. तब तक मैं यहीं तुम्हारे साथ रहूंगा" ममी मुस्कुराते हुए बोली।

"अंधा क्या मांगे दो आंखे" एक दबी सी आवाज में ममी एक बार फिर बोली। 

"क्या!?..." लड़की थोड़ा आश्चर्य से बोली।

"कुछ नहीं, वो मैं कह रहा था कि मुझे भूख लगी है।"

लड़की ने अब तो और भी आश्चर्य से ममी पर निगाह डाली और किचन में चली गई।

"मैं तो कब का खाना खा चुकी अब इस भूत के लिए क्या बनाऊं.. ओह सॉरी सॉरी ममी के लिए। ओह भगवान! कहां फंसा दिया मुझे? चलो एक काम करती हूं मैगी बना कर खिला देती हूं इसको, लेकिन क्या वो ये खायेगा? नही खायेगा तो क्या हुआ? मैंने कौनसा इसका ठेका ले रखा है, एक बार पापा आ जाए बस, फिर जान छूटे इस ममी से।" ऐसी न जाने कितनी बात सोचते हुए उसने मैगी बनाई और एक प्लेट में ले कर ममी के पास चली गई।

उसके आने तक ममी ने पूरा घर घूम लिया। अब के नए नए सामान देख कर उसका तो दिमाग ही घूम गया था। इंसान भी कितना आगे बढ़ गया। न जाने क्या क्या बना दिया, उसके दिमाग में ये सब ही चल रहा था जब वो लड़की उसके लिए मैगी ले आई।

"अरे ये क्या है??? केंचुए की तरह?? हटाओ इन्हें, मैं शाकाहारी हूं मांसाहारी नही।" ममी ने प्लेट में रखी मैगी को देखते हुए कहा।

"अरे ये केंचुए नही है, ये तो मैगी है, पूरे तरीके से शाकाहारी।"

"अच्छा तो इसको खाते कैसे है?" ममी ने उसकी बात पर यकीन करते हुए पूछा

"ऐसे.." लड़की ने अपने हाथ से मैगी खा कर दिखाते हुए कहा।

अब तो ममी ने भी मैगी खा ली आखिर खाती भी क्यों न जिसके लिए उसको अपने दिल की आवाज फिर सुनाई दी उसकी जूठी मैगी कैसे न खाती। 

रात तो किसी तरह बीत गई। लड़की ने ममी को सोने के लिए दूसरा कमरा दे दिया लेकिन ममी वैसे ही इतनी गहरी नींद से आज उठी थी और फिर उसकी नींद तो आज एक लडकी ने चुरा ली थी। उसकी आंखों में नींद ही न आई।


अगले दिन सुबह लड़की के उठने से पहले ममी उठ गई लड़की को सोता देख उसके दिल में गुदगुदी होने लगी, ममी लड़की के चेहरे को देखते हुए एक मुस्कान अपने चेहरे पर ले आई। ममी लगातार लड़की को ही देखे जा रही थी।

अपने पास उस ममी को देख लड़की हड़बड़ा कर उठ बैठी।

तभी गेट की घंटी बजी लड़की ने एक नजर ममी को देखा "लगता है पापा आ गए" कहते हुए वो गेट की दिशा में चली गई।

"इतनी जल्दी आ गए, अभी तो शुरुआत भी नही हुई थी" ममी ने दिल पर हाथ रखते हुए दिल ही दिल में बात बोली बोली।

गेट से अंदर आते आते एक ही सांस में लड़की ने रात और उस ममी की सारी घटना अपने पापा से कह सुनाई।

"जिसकी तलाश मैं कब से कर रहा हूं, वो खुद चल कर मेरे पास आ रही है!!!" उसने खुशी से चहकते हुए कहा।

वो ममी को देखने कमरे में जाते उससे पहले ही ममी कमरे से बाहर निकल आई।

ये देख प्रोफेसर आश्चर्यचकित हो गया।

"ये कैसे संभव है?" उसके मुख से अनायास ही निकल गया।

"मेरी बिल्ली किधर है?" ममी ने उसकी बातों को बिना ध्यान दिए कहा।

"कौनसी बिल्ली???"

"तुम जानते हो कौनसी?" ममी की आंखों में अब खून उतर आया था।

"वो बेच दी मैंने।" प्रोफेसर ने डर के साथ जवाब दिया।

ये सुन ममी कुछ बोल ना सकी लेकिन जैसे ही उसकी नजर लड़की पर गई तो वो सब बातें भूल गया।

फिर उसने अपने कदम लड़की की तरफ बढ़ाए और उसका हाथ पकड़ लिया।

"चलो यहां से कहीं दूर चले।"

लड़की डर से कांपने लगी। इससे पहले उसका हाथ जिन्दा लड़के ने भी इस तरीके से नही पकड़ा था जिस तरीके से उस मुर्दा ममी ने पकड़ रखा था।

"छोड़ो उसे।" प्रोफेसर चिल्लाए लेकिन तब तक ममी उसको ले कर गेट से बाहर जा चुकी थी। रोड पर ममी को देख सब तरफ खलबली मच गई। कोई डर से इधर उधर भागता तो कोई उस नजारे को आंखे फाड़ कर देखता।

प्रोफेसर की तो समझ ही नहीं आ रहा था कि वो अब क्या करे। उसको भरोसा ही नही था कि ममी ऐसा भी कुछ कर सकती है।

उसने इस बात की खबर फौरन पुलिस को दी कि उसकी बेटी को एक ममी लेकर चली गई।

देखते ही देखते वहां पुलिस का भी जमावड़ा लग गया। पुलिस तो उस ममी को गोली से उड़ा ही देती लेकिन सरकार का आदेश था उस ममी को कुछ भी न हो।

अब ममी को चारों दिशाओं से पुलिस तथा पुरातत्व विभाग ने घेर लिया।

लेकिन किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था आखिर किया क्या जाए क्योंकि ये तो जीती जागती ममी थी।

"मुझे तुम अच्छी लगी अब मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं।" इतनी भीड़ को वहां देख ममी उस लडकी की तरफ मुड़ कर उससे बोली।

लड़की के शरीर में काटो तो खून नहीं, उसकी हालत खराब हो गई। आज तक उससे किसी ने अपने प्यार का इजहार नहीं किया और अब जब किया भी तो एक ममी ने। 

ममी को बातों में उलझा देख एक पुलिस वाला हिम्मत कर उसकी तरफ बढ़ने लगा। लेकिन वो कुछ करता उससे पहले ही ममी की नजर उस पर पड़ गई और ममी ने आंखों से ही न जाने क्या किया कि वो पुलिस वाला हवा में लहराता हुआ दूर जा गिरा।

अब तो सब की सांसे थम गई। लड़की भी ये देख और ज्यादा घबरा गई।

"हम कराएंगे तुम्हारी शादी इससे।" तभी प्रोफेसर ने चिल्ला कर कहा।

अपने पापा की ऐसी बात सुन लड़की हैरान हो गई। लेकिन जब उसने अपने पापा की तरफ नजर घुमाई तो उसके पापा ने कुछ इशारा किया। इशारा समझ लडकी के दिल को थोड़ी राहत पहुंची।

ममी ने प्रोफेसर की तरफ देखा।


"हां मैं कराऊंगा, लेकिन अभी के लिए ये सब बंद करो। तुमको ये सब करने की जरूरत नही हैं, तुम घर में आओ आराम से बैठ कर बात करेंगे।" प्रोफेसर बोले जा रहे थे।


शायद ममी को प्रोफेसर की बात ठीक लगी इसलिए वो लड़की को लेकर घर में चला गया। बाहर सभी लोग प्रोफेसर का घर घेर कर खड़े हो गए। सभी जानना चाहते थे कि अब क्या होगा?

प्रोफेसर ने थोड़ी सी देर ममी से बात की फिर अपनी लड़की को लेकर कमरे में गया और उसको कुछ समझा बुझा कर बाहर ले आया।

बाहर आ कर लडकी ममी के सामने बैठ गई लेकिन उसकी नजर अपने पापा पर ही टिकी थी। उसके पापा ने आंखों से ही उसको सांत्वना दी तो लड़की ने कहना शुरू किया, "मैं भी तुमसे प्यार करती हूं। लेकिन हम साथ नहीं रह सकते, ये दुनिया वाले मुझको और तुमको खत्म कर देंगे और तुम भी कब तक मुझको बचा पाओगे? क्या तुम मुझको खाने को दे सकोगे? कहां लेकर जाओगे मुझे? कहां मुझे रखोगे?" इतना बोलने के बाद लड़की ने एक बार ममी को देखा और जब उसको भरोसा हो गया कि ममी भी उसकी इस बात पर विचार कर रही हैं तो उसने आगे कहा "इससे अच्छा है तुम वापिस से ताबूत में सो जाओ, मैं तुमको खुद एक सेफ जगह रखूंगी और तुमसे रोज मिलने आया करूंगी। तब तुम नींद से जाग जाया करना।"

लड़की ने फिर ममी की तरफ देखा ममी के चेहरे से लग रहा था जैसे वो उसकी बात से सहमत है।

"ठीक है फिर तुम जहाँ कहोगी मैं रह लूंगा।" ममी ने उसकी बात से सहमति जताते हुए कहा।

उसके बाद उन्होंने उस ममी को एक संग्रहालय में रख दिया। एक बार ममी फिर से गहरी नींद सो गई। प्रोफेसर ने बिल्ली की ममी वाली बात सरकार को बता दी उसने वो बेची नहीं थी इसलिए उस ममी को उसने सरकार को ही सौंप दिया। बाद में उस ममी के साथ उसकी उस बिल्ली की ममी को भी रख दिया गया।


✍️ एंजेल ओम

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