माँ
तुझे जिसने खुदा बोला है 'माँ' बिल्कुल सही बोला है
में दर्द से निजात पा लेती हूं जब 'माँ' तू पास होती है
'माँ' सर पे हाथ रखके जब बच्चों को दुवाएं देती है
दुनिया की हर मुश्किल तब बड़ी आसान लगती है
बच्चों को बिमार देख तब 'माँ' इक पल भी नहीं सोती है
रोता देख अपने बच्चों को माँ की नींद बेचैन लगती है
वो आंखों की नमी और तकलीफें पहेचान लेती है
वो औलाद की तकलीफें समझने में कहां देर करती है
उड़ना सिखाती है अपने बच्चों को काबील बनातीं है
'माँ' अपनी औलाद को हुनर के साथ हिम्मत दिलाती है
'माँ' के प्यारी सी गोंद में जब बच्चों की आंख लगती है
बा-ख़ुदा तब ये दुनिया मुझे कीसी जन्नत सी लगती है
- Shaikh Samim ✍️✍️