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रौशन दिए

तुम तक रोशनी

पहुंची के नहीं

ख़बर नहीं

पर उम्मीद के दिये

जला रक्खे हैं।


तेल के चरागोमें होती

हो जैसे रोशन

शमा हसीन

कुछ इस तरह

हम बिछड़े

फिर मिलने के लिऐ।


रोशन हो तेरे सपने सभी

दुआ हो कुबूल सभी


मेरी तेरे लिए।


तुम्हारे हम।

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