रचना के विवरण हेतु पुनः पीछे जाएँ रिपोर्ट टिप्पणी/समीक्षा

#हाथरस की निर्भया

निर्भया तुझे मालूम नहीं ,

हम सत्ता चलाने वाले हैं ।

हाथों में बेबसी लेकर हम

बस आँसू बहाने वाले हैं ।

तार तार और ज़ार ज़ार ,

ज़ख्मों को कुरेदा जाएगा ।

इस चौखट से उस चौखट ,

इज़्ज़त को घसीटा जाएगा ।

शर्म हमें क्यों आये भला ,

हम गिद्ध घिनौने वाले हैं ।

अब भी तुझे मालूम नहीं ,

सब नेता हम निवाले हैं ।


सत्ता बदली और युग बदला ,

सतयुग से कलयुग बदला ।

न बदली तो बस तू अबला ,

नेता न तब बदला न अब बदला ।

आँसू हैं बहाते राधा श्याम ,

रोती सीता और रोते हैं राम ।

पग पग जन जन हैं आहत ,

पर हम रंग बदलने वाले हैं ।।

तू व्यथा सुना तू कथा सुना ,

हम नेता बहरे वाले हैं ।

सत्ता की रबड़ी चाटेंगे यूँही ,

हम सियार लालची वाले हैं ।।


#हाथरस

अतुल सिन्हा अज्ञानी

टिप्पणी/समीक्षा


आपकी रेटिंग

blank-star-rating

लेफ़्ट मेन्यु