रचना के विवरण हेतु पुनः पीछे जाएँ रिपोर्ट टिप्पणी/समीक्षा

नशा है।

नशा है।


जिंदगी है, जिंदादिली है, जवानी का नशा है,


खौफ़ है, ख़ुदा है, इबादत का नशा है,


सुर है, संगीत है, महफ़िलों का नशा है,


सुख है, साधन है, समृद्धि का नशा है,


धन है, दौलत है, ख्वाहिशों का नशा है,


बाज़ार है, चाह है, ख़रीदारी का नशा है,


एकांत है, महफूज़ी है, तनहाई का नशा है,


हसरतें है, आरजूएँ है, महत्वाकांक्षों का नशा है,


रोमांच है, उत्तेजना है, व्याकुलता का नशा है,


परमार्थ है, दान है, परोपकारी का नशा है,


"मैं" है, अहम है, गरूर का नशा है,


इश्क़ है, दीवानगी है, रूमानियत का नशा है,


दर्पण है, दृष्टि है, सौंदर्य का नशा है,


ताकत है, संगठन है, राजनीति का नशा है,


ईंट है, पत्थर है, दुश्मनी का नशा है,


भूख है, भोजन है, संग्रह का नशा है,


ज्ञानी है, ज्ञात है, ज्ञान का नशा है,


सृष्टि है, मोक्ष है, अध्यात्म का नशा है,


मौत है, जुदा है, जुदाई का नशा है,


साकी, सुरा और मधुशाला तो यूं ही बदनाम है।


"Dry day" की किंकर्तव्यविमूढ़ता पर समर्पित।


डॉ समीर गोलवेलकर

टिप्पणी/समीक्षा


आपकी रेटिंग

blank-star-rating

लेफ़्ट मेन्यु