रचना के विवरण हेतु पुनः पीछे जाएँ रिपोर्ट टिप्पणी/समीक्षा

चाय का पागलपन

मेरी शायरी का इतना शिला तो दो

बुला कर मुझे अपने घर चाय तो पीला दो....


हम तो गर्मी आने पर चाय नहीं छोड़ते

यकीन मानो आपको छोड़ने का सवाल ही नहीं...


उनके हाथ की एक कप चाय

मानो सावले रंग से दुबारा प्रेम हो गया हो..


ये इंडिया हैँ जनाब

यहाँ हर गली के नुक्कड़ पर कोई धवल चाय के साथ अपनी मोहतरमा का इंतज़ार करता हैं 🤣😄

टिप्पणी/समीक्षा


आपकी रेटिंग

blank-star-rating

लेफ़्ट मेन्यु