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पूर्णविराम

"काश!

कोई तो बता पाता या जन्म से मृत्यु तक का फ़ासला तय करने तक कहीं से हो जाता ये इल्म तो इत्मिनान से जी पातें।"


अपनेआप से ही बड़बड़ाने जितनी ही शायद उम्र बची होगीं शेरॉन के पास। वर्ना, ज़िंदगी के कठिन वक्त में भी क़भी न टूटनेवाली आज बेतहाशा बिखरी पड़ी है।


अपने देश की सुरक्षा की ज़िम्मा अपने सिर लेकर शेरॉन को एक अरसा हो चला था। फिर भी आजकल कुछ अजीबोगरीब ख़यालात उसके ज़हनी नसों को कुरेदते चले जा रहें थे।


और वो कुछ भी करनें के क़ाबिल नहीं रहतीं थीं।


"शेरॉन! माय डार्लिंग ब्यूटी!" अल्फ़ाज़ों को सँजोते हुए ऐलेक्स ने शेरॉन की अधखुलीं नाभि को चूमते हुए आगे बढ़ने का प्रयास किया।


"इट्स ऑवर ऐलेक्स। सिक्सटी मिनिट्स गेट्स ऑवर। यू केन हैव टू नाउ।"


"रिस्ट वॉच को रिचार्ज करना पड़ेगा।" ऐलेक्स झुँझलाते हुए शेरॉन की कैप्स्यूल कैबिन से बाहर निकल गया।


ऐलेक्स के जाने के काफ़ी देर बाद तक भी शेरॉन अपनेआप से विमुख नहीं हो पा रहीं थीं। आज बहोत कुछ बदल चुका था। और बहोत कुछ बदलना शेष भी था।


मन ही मन में निश्चय कर शेरॉन 2001 फ्लॉर पर सजी अपनीं ही ऑफ़िस से बाहर निकल गई।


"खुले आसमान का लुत्फ़ उठाना चाहतीं हो शायद, क्यों?!" चार्ली ने टोकते हुए शेरॉन के गाल से अपना गाल चिपकाते हुए फ्लाईंग किस दी।


चार्ली को इग्नोर कर शेरॉन टैरेस की ओर बढ़ते हुए अपने निजी पैराशूट ले उड़ गई।


घंटेभर से कुछ कम ही हुआ होगा। शेरॉन ऋषिकेश के एक आश्रम की छत पर अपना पैराशूट समेटे हुए नीचे गई।


"सुरंग कुछ ज़्यादा ही लंबी हो गई लगतीं है। या शायद मेरी गति कम!" शेरॉन ने डिजिटल सेल फ़ोन पर इत्तला करतें हुए बुदबुदाया।


चलते चलते काफ़ी समय बीत गया। हर घण्टे के ख़त्म होने पर शेरॉन के एक एक अंग को ज़ंग लगने लगा हो या आग की लपटें अपने में समेट रही हो वैसे वह पिघलती चली गई।


ज़िंदगी का आख़री दिन ही नहीं आख़री पल आ गया। शेरॉन का सिर्फ मस्तिष्क शेष बचा था।


मस्तिष्क में उलझने वाली कोशिकाएँ वाक् युद्ध करनें लगीं।


एक ने प्रश्न उठाया -

"ऐलेक्स से क्यों पीछा छुड़ाना चाहतीं हो?"


दूजे ने प्रत्युत्तर दिया -

"वो मुझें संतुष्टि तो दे सकता है पर सुख नहीं!"


"सुख किस चिड़िया का नाम है भई! संतुष्टि ही तो इम्पोर्टन्ट होती है, क्यों!"


"हाँ, पहलेपहल मेरी भी यहीं सोच थीं। पर...."


"पर अब क्या? कोई नया सॉल्यूशन मिल गया है तुम्हें संतुष्टि पाने का!"


"नहीं, मातृत्व का सुख पाना चाहतीं थीं, लेकिन, वो मुमक़िन होते नज़र नहीं आ रहा।"


"ऐलेक्स रोबॉट है, क्या तुम इस बात से बेख़बर थीं?"


"नहीं, लेकिन...!"


"लेकिन क्या? अपने देश की प्रगति के तहत ही तुमनें ये रास्ता चुना था राईट!"


"राइट, लेकिन...!"


"अच्छा, अब समझ में आया। तुम्हारें भीतर की औरत ने बग़ावत कर दी है। औऱ तुम अब अपने जैसा ही एक बेनमून नमूना चाहती हों, क्यों?"


"हाँ, शायद..."


"तो फिर यहाँ क्यों आई हो? ये क़यामत की  सुरंग है। ज़िंदगी की नहीं...

.... जाओ, लौट जाओ ज़िंदगी जीने का तुम्हारें पास कुछ और वक्त शेष है।"


"नहीं, इस जहां में रोबॉटिक लाइफ़ से ऊब चूकीं हूँ।

नया आसमां, नया जहां, नई दुनिया में जीनें जा रहीं हूँ।

इन्सानों के बीच इन्सान बनकर जीनें जा रहीं हूँ।

अलविदा।"


शेरॉन ने अपने मस्तिष्क में टिकी पिट्यूटरी ग्लैंड को डीएक्टिवेट कर अपने इस जनम के सफ़र पर पूर्णविराम लगा दिया।


नए जनम की तलाश में!!!


® तरंग

07/01/2021


★★★ पूर्णविराम ~ ज़िंदगी का आख़री दिन ★★★


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