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मैं

मैं न थकूंगा

मैं न रूठूंगा

मैं न टूटूंगा

मैं न बिखरूंगा

मैं न मिटूंगा

मैं न झूकूंगा

मैं न कभी हारूंगा

मैं तो सदैव आपदाओंसे आत्मविश्वाससे लढूंगा

मैं हमेशा हर एक को प्रेरित करूंगा

ना कोई राह मेरे लिये है कठीन

ना कोई लक्ष्य मेरे लिये है मुश्किल

ना कोई दर्द मुझे तोड सकता है

ना मेरे आंसू मुझे कमजोर कर सकते है

ना कोई गम मुझे नैराश्य में ले जा सकता है

मुझे हर असंभव को संभव में बदलना है

हर एक आपदा को अवसर में बदलना है

एैसेही सकारात्मक सोचसे आगे बढना है

पिछे हटना मुझे कदापि मंजूर नहीं है

जीवन की लढाई शांतीसेही लढनी है

जीनेके लिये थोडीसी हिम्मत,थोडासा भरोसा और जादा मेहनत जरूरी है

जोखीम भी थोडी लेनी है

एैसेही मुझे आगे आना है

अपनी योग्यता दिखाना है


कवि- विश्वेश्वर कबाडे उर्फ शुभसंतती

मु.पो.अणदूर

ता.तुलजापूर

जि.उस्मानाबाद

४१३६०३

महाराष्ट्र राज्य

भ्रमणध्वनी-९३२६८०७४८०




          


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