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दिल ही दिल में

दिल ही दिल में.....
बीते गुजरे हुए कल की युंही याद आती है।
जो हुंवा उसे देखकर युंही हॅंस पड़ता हैं दिल।।

दिल ही दिल में.....
कितना वक्त गुजर गया यह हमें पता नहीं है।
मगर हर लम्हा खोई बिती तन्हाई याद है हमें।।

दिल ही दिल में.....
अब तक न जाने कितनी राहें बदल गयी हमें नहीं पता।
मगर हर मोड़ पर आकर तेरी राह देखी है हमें हैं पता।।

दिल ही दिल में.....
युंही किसी अपनों ने कहा था मुझे
बदलते दिनों में हर ज़ख्म भर जाते हैं।
मगर कैसे दिखाऊं उन्हें जो ज़ख्म तुमने दिए हैं
जो आज भी हरें है और कभीभी भर न पायेंगे।।

दिल ही दिल में.....
आज युंही रॉंह चलतें है कोई मंजिल है न ठिकाना
दिल ही दिल में रो लेतें है मगर युंही हॅंस चलते हैं।
दिल ही दिल में.....

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