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एक मुलाकात

उसके कदम थिरकते थे, आवाज का जादू पता न था...


वीना मोदानी की गायकी को जिसने भी सुना, वो उनकी आवाज की कशिश से  वाकिफ है। वे राजस्थान गौरव अवॉर्ड से सम्मानित होने के साथ ही गुरु वशिष्ठ अवॉर्ड, वॉइस ऑफ राजस्थान अवॉर्ड सहित कई पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं। वीना मोदानी ने सिर्फ संगीत के क्षेत्र में ही अपना परचम नहीं लहराया है, बल्कि एक डांस एकेडमी भी चला रही हैं और इसी के साथ कई स्वयंसेवी संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैं। पर यहां तक का सफर इतना आसान भी नहीं था। जिस परिवार में उनका जन्म हुआ, वहां लड़कियों को ज्यादा छूट नहीं थी। छह बहनें और एक भाई, ऐसे में वह अपनी स्कूली शिक्षा ही पूरी कर सकीं। बारहवीं तक आते-आते उनकी शादी हो गई। अक्सर समाज में लड़कियों के लिए बस इतना ही किया जाता है कि एक अच्छा घर देखकर शादी कर दी जाए। सपने देखने की उम्र शुरू होती है, तब तक शादी हो जाती है। रस्मों-रिवाजों की भेंट चढ़ जाते हैं सपने। शायद तभी तो रहमान मुसवर ने कहा है- उसे हम पर तो देते हैं उडऩे नहीं देते, हमारी बेटी बुलबुल है मगर पिंजरे में रहती है।


एक मौका मिला, और बात बन ही गई...



गायन के क्षेत्र में वीना मोदानी को करीब छह-सात साल ही हुए हैं। एक संगीत कंपनी ने उन्हें सुना और मौका दिया। तब वह डांस सिखाया करती थी। उन्होंने कभी स्टेज पर गानों की प्रस्तुति नहीं दी थी। ऐसे में जब उन्हें मौका मिला तो वह बहुत घबराई थीं।

वह कहती हैं, मैं समझ गई थी कि बस यही एक मौका है, जो मुझे बना सकता है या बिगाड़ सकता है। मैं घबरा रही थी... इतना कि लगा सांसें अटक रही हैं, फिर भी न जाने कैसे बात बन ही गई। मुझे बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली। मुझे यकीन ही नहीं हुआ, संगीत प्रेमियों ने मुझे राजस्थान की आशा भोसले का खिताब दे डाला।


बता दें कि वीना मोदानी ने संगीत की विधिवत तालीम नहीं ली है, फिर भी एक के बाद एक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रस्तुतियां दीं और संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी खास जगह बना ली।


एक घर से दूसरे घर में चली आई वीना मोदानी अकेली नहीं आई थी, एक ख्वाब संग लेकर आई थी। वह अपनी पहचान बनाना चाहती थी, लेकिन ससुराल भी संयुक्त परिवार के रूप में था यानी वहां भी उड़ान के अवसर नहीं थे, पर सपने का पंछी मन के भीतर पंख फडफ़ड़ा रहा था लगातार। एक दिन उन्होंने अपने परिवार को इस बात के लिए मना ही लिया कि उन्हें एक डांस एकेडमी खोलनी है। स्कूल में हमेशा डांस प्रतियोगिता जीतने वाली वीना मोदानी को तब तक भी यह नहीं पता था कि वह दिलकश आवाज की मल्लिका हैं और एक दिन उनकी आवाज ही उनकी पहचान बनेगी। डांस एकेडमी चलाते-चलाते वह यूं ही कभी कभी शौकिया गाया भी करती थीं। एक दिन किसी प्रोग्राम में उनकी आवाज एक म्यूजिक ग्रुप को इतनी पसंद आई कि उन्होंने अपने आर डी बर्मन नाइट लाइव शो के लिए उन्हें चुन लिया।


कहती हैं वीना...


वीना मोदानी कहती हैं कि उनके प्रशंसक ही उनके लिए गुरु हैं। वे हर दिन एक नया टास्क देते हैं, नई फरमाइश के रूप में। और वो किसी भी प्रशंसक को नाराज नहीं करतीं। अपने हर श्रोताओं की हर पसंद को आवाज देती हैं।

वीना कहती हैं, कला और संगीत का जीवन में वही महत्व है, जो बगीचे में बड़े-बड़े दरख्तों के बीच महकते गुलाब और जूही का है। रस और सौंदर्य के बिना यह संसार रंग विहीन हो जाएगा। वह कहती हैं, संगीत तो जीवन में ठहराव भी लाता है, इसी के साथ ऊर्जा का संचार भी करता है। अब तो यह बात विज्ञान भी मानता है।

वीना अब गाना भी सिखाने लगी हैं, उन्हें लगता है कि हरेक बच्चे में, चाहे वो लड़का हो या लड़का, एक खास हुनर होता ही है, ऐसे में संभावित क्षेत्रों में उन्हें खुद को आजमाना ही चाहिए। वे कहती हैं कि उन्हें बहुत खुशी होती हैं, जब लड़कियां उनके पास गाना और डांस सिखने आती हैं, अपने सपनों को साकार करने आती हैं।

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