रचना के विवरण हेतु पुनः पीछे जाएँ रिपोर्ट टिप्पणी/समीक्षा

श्रेष्ठ तमिल कहानियां

पुस्तक समीक्षा

श्रेष्ठ तमिल कहानियां

अनुवादक एस भाग्यम शर्मा

प्रेम

हिन्दी से तमिल साहित्य को जोड़ता एक प्रयास


बोधि जन संस्करण से प्रकाशित श्रेष्ठ तमिल कहानियां एक मजेदार किताब हैं।इस किताब का अनुवाद लेखक एस भाग्यम शर्मा ने किया है। भाग्यं जी साहित्य में एक जाना माना नाम है ,हिंदी के अधिकतर पत्र-पत्रिकाओं में पिछले एक दशक से सक्रिय रही है और लेखन का सफर देर से शुरू करने के बाद भी अपनी एक पहचान कायम की है ।राजस्थान में तमिल साहित्य के हिंदी अनुवाद का कार्य करने वाली एकमात्र लेखक है ।इस किताब में तमिल साहित्य के सम्मानित लेखकों की चुनिंदा कहानियों का अनुवाद है ।

चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ,कल्की कृष्णमूर्ति ,अशोक मित्रां, जेलम जरीना, सीताराम कुमार और आर कृष्णावेणी की कहानियां है। जिसका बहुत सरल और सहज भाषा में अनुवाद किया है ।

6 लेखक की 13 कहानियों का संग्रह है यह किताब।कहानी के अनुवाद से पहले हर लेखक का संक्षिप्त परिचय भी दिया है जिनके बारे में जानना एक सुखद एहसास है। तमिल साहित्य और तमिल साहित्यकारों के बारे में जाने की इच्छा हो तो यह किताब एक अच्छा माध्यम है।

भारत के इतिहास का चाणक्य माने जाने वाले और साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत लेखक चक्रवर्ती राजगोपालाचारी की कहानी मुतांदी एक स्वामी भक्त रसोईया जिसे उसके मालिक ने हमेशा अपने परिवार का ही हिस्सा समझा और उसने भी पूरे परिवार की देखभाल इस तरह कि जैसे ये उसी का परिवार हो।उम्र के आखिरी पड़ाव में अपने स्वामी की मृत्यु के बाद उनके बेटे बहू की सेवा में भी कोई कमी नहीं रखी, पर बेटे बहू की संकीर्ण विचारों की वजह से उसे काम छोड़ना पड़ा फिर भी उसने अपने मानवीय मूल्य नहीं भुलाए, वही लेखक की दूसरी कहानी गलत ज्योतिष एक बहुत प्यारी कहानी है।


कल्की कृष्ण मूर्ति की कहानी 'यह कैसा स्वर्ग' में लेखक ने व्यंगात्मक तरीके से ये बता दिया कि सुख -दुख में गोते लगाता जीवन मानव को स्वर्ग से भी सुंदर लगता। स्वर्ग का आनंद , विलासिता भी अगर लगातार जीवन में बनी रहे तो उब होने लगती है ।इस संग्रह की सबसे प्यारी और मनोरंजक कहानी है जिसे लेखक ने

बहुत दिलचस्प तरीके से शब्दों से बांध दिया।

अशोक मित्रन की कहानी शुकून में दिखाया है कि कैसे एक छोटे से वहम की वजह से जिंदगी को एक बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। एक छोटी सी कहानी बड़ी सीख देती लगी।

जे चेल्लम जेरिना की इस संग्रह में पांच कहानियां है 'गुड़ियों के पंख', 'तप से तपस्या', 'बदला फैसला', 'बेचारा जीव' और 'रंग बदलता मन'।

'तप से तपस्या' और 'रंग बदलता मन' मैं लेखक ने बुजुर्ग के उस दर्द को दर्शाया है जो अपनी ही औलाद से तिरस्कृत होकर भोगा, पर अपने स्वाभिमान के चलते परायो के दिलों में अपनी जगह बनाई उम्र के अन्तिम पड़ाव पर एक नई राह दिखाती कहानियां।वही बदला फैसला एक ऐसी कहानी है जिसमें एक औरत अपने पति की जगह अपनी सौतन का पक्ष लेती नजर आई एक साधारण से औरत का दिल से लिया बड़ा फैसला अपने वजूद के साथ साथ हर उस स्त्री के वजूद की फिक्र थी मन में जो आदमी के ज़ुल्म का शिकार बनती रही हैं।

सीतारमन (कुमार) कि कहानी लंगर को पढ़कर एक बहुत ही सुखद अनुभूति होती है एक व्यक्ति जो की जाति से सिख नहीं है, पर यात्रा के दौरान रस्ते में आने वाले गुरुद्वारे में लंगर चखने के लिए हमेशा रुक जाता है, वही एक बार भूख से व्यथित गरीब बंजारे परिवार को भी लंगर में ले जाता है अमीर -गरीब जाति -धर्म से परे मानवीय मूल्यों की एक प्यारी सी कहानी

अंतिम कहानी 'पीढ़ी का दर्द' आर कृष्णावेणी युवा पीढ़ी को देखने का नजरिया बदल देती है ।

इस कहानी के एक रिटायर्ड किरदार स्वामीनाथन जी दिन भर परेशान रहते हैं, जिसकी वजह पड़ोस में रहने आए एक युवा टोली है ,जो उन्हें हमेशा फोन पर लगे दिखती है । कभी हंसी ठिठोली मस्ती करते नजर आते हैं। जिसकी वजह से उन्हें हमेशा अपनी जवान बेटी की चिंता सताए रहती है ।पर एक दिन एक हादसे से उन्हें पता चलता है कि ये युवा बहुत ही समझदार है और साथ ही एक ऐसे संगठन से जुड़े हुए हैं जोकि समाज में एक बदलाव लाना चाहते हैं ,सकारात्मक बदलाव वह अपनी बेटी को भी उस ग्रुप से जोड़ देते हैं।

मानवीय गुणों से भरपूर तमिल साहित्य की यह कहानियां अगर हम यह कहे की ये किताब साहित्य की एक छोटी सी बगीची है जिसमें हर तरह के भावना से जुड़े फूल खिले हैं ,तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

तमिल और हिंदी के मध्य तालमेल बैठाकर बहुत ही सरल और सहज भाषा में इस किताब का अनुवाद किया गया है। अगर साहित्य में अनुवाद का कार्य ना हो तो हम विश्व कीअनेक भाषाओं के साहित्य से अपरिचित ही रह जाते हैं। समाज को दर्पण दिखती ये तमिल कहानियां मानो हमारे आस पास से ही सिमट कर तमिल रंग में रंग कर एक कहानीसंग्रह आया है। जिसे पढ़ कर मन समुंदर की लहरों में गोते खाता महसूस होगा।किताब के पन्नों पर उतरी आम आदमी की ही कहानियां।


टिप्पणी/समीक्षा


आपकी रेटिंग

blank-star-rating

लेफ़्ट मेन्यु