दिल के कहार
सौ से भी
ज़्यादा ही होंगे
बीमारों की
कमी कहाँ है
मनभाती हो
तुम ही सबकी
ऐसी एक
कली अनार हो !
चली भी आओ
दमको ऐसा
रोशन जग हो
निखरा निखरा
माना हमने
खरा हो सोना
कम कहाँ है हम
पुश्तैनी सुनार है !
चल ना सको
तो भी बतला दो
धर पालकी
ले जायेगें
मोटर गाड़ी
सब है अब तो
वैसे हम दिल के
कहार है !
मादक हो तुम
टैक्स लगेगा
सर पर बैठी
अब सरकार है
दारू हो तुम
मँहगी वाली
पी लूँ गट गट
खुद कलार हैं !