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योगसाधना

अभंग  : 

 

       //योगसाधना //

 

एकविस जून असे /जागतिक योग दिन //

समाज स्वस्थ होता/ होई जगाचा उध्दार //

 

योग असे आध्यात्मिक विद्या/ ॠषीमुनींचा हा ठेवा //

निरोगी मन,काया /जीवनाचे सार्थक करू या//

 

शरीरासाठी योगासन/करी स्वत:चे रक्षण//

निर्व्यसनी होवून/सारे करू योगासन //

 

अंत:बाह्य शुध्द होता/ होई निवृत्ती रोगाची //

जीवन निरामय करू या/कास धरूया योगाची //

 

कोरोना महामारी आली /घरी बसलो आपण//

योगासनाची आवड लागता/येई रोगावर नियंत्रण //

 

कपालभाती, भस्त्रिका,वज्रासन /करता त्रिसूत्री पालन//

ध्यान आसने करून /वाढवी शारीरिक मानसिक बळ//

 

दुर करण्यासाठी ताण/योगासने रामबाण //

मनःशांती लाभून/ जन्माचे करावे सार्थक //

 

रोज योगासने करून /आरोग्य लाभावे //

वयाचे नसावे बंधन/निरोगी मन,शरीर मिळावे //

 

सौ.मीना उल्हास करकरे. 

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