सुबह खुशियो वाली
फिर आयेगी वो सुबह खुशियो वाली,
फिर होगी रोनक इन्सानियत वाली |
दुखो ने हमे घेरा है, पीडा यु हमे सताती है |
इस पिडा को सुरज की एक किरण हे काफी है |
फिर आयेंगे पीडा के बादल तुम्हारे प्रफुल्लित मन को दुखो से भिगाने |
तुम डरना मत सुखौ का सुरज चल आयेगा उनेभगाने |
मन की उदासी को तुम यु ना हावी होने देना,
वो सहायता वाले हात आयेंगे तुम्हारे लिए ये मेरा कहता है तृम देख लेना|