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गलती

मेरी ही गलती थी जो उसे घूटन हुई,

मुझे जरूरत क्या थी आखरी राज़ तक खुलने की ?


हम ने दिल तक रख दिया खोलकर

बस यही तो उसके बर्दास्त की हद थी।

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