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प्यार के अँगारे

कोई जिंदा होके भी गम में जीता है...2

कोई कब्रमे होके भी सुकुन से सोता है।



आंखे मिलने से पेहले रोकलो अपने आपको....2

कही पछताने का बखतना आजाये।



शिकार तो वो करते हैं हमारे दिल का...2

फर्क सिर्फ़ इतना है की,

शेर छलांग लगा के दिल चीरते है

और वो आँखे मिलाकर।



बड़ी बदनाम हे रे तु कॉलेज...2

सुना है, जो भी आता है बिगड़ जाता है।



अगर प्यार की बात करे तो...2

हमने भी किसीको दिल दिया था।

वक्त आने पर वो आगे निकल गए

और दिल वही छोड़ गए।



खैर इश्क़ की राह में कोई पलता है...2

तो कोई पल-पल जलता...!



अब ना होंगा हंमशे प्यार कभी...2

जल-जल कर अभी तक राख नहीं बुझी।



जब जलती राख पर हवा लगी...2

तब पता चला की,

अंगारे अब पुरी दुनिया में फैलने वाले है।



​✍️युवराजसिंह जादव

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