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ऐसे न मिले भगवान

भले पूज लिए मंदिर मस्जिद, चाहे पढ़ डालो गीता कुरान।

गर समझ न पाओ किसी की बेबसी, तो बेकार है सारा ज्ञान।।

पंचामृत का स्नान कराया  , और फूलों का हार भी

दो चार मंतर बोल कर भले मान रहे खुद को विद्वान।

लेकिन पहले ये जान लो, जागो अपनी आंखे खोलो

जो मन पर चादर रही कपट की और बोली में कड़वाहट भी

सारे जतन बेकार तुम्हारे, ऐसे को न मिलें भगवान।।

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