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जिंदगी गले लगा ले!

जिंदगी गले लगा ले!


न कभी उलझा रहा, न कभी तन्हा रहा,

मेरा दामन हरदम खुशियाँ से भरा रहा।


कभी अपनोंने तो कभी दोस्तों ने संभाला, 

कदम कदम पर सबका साथ मिलता रहा।


हमदमों का साया हर वख्त मुझ पर रहा,

बुरे वख्तमें भी न मुझे रुसवा होने दिया।


जिंदगी मे फूलों की खुशबू का साथ रहा,

कांटे से मेरा दामन सदा कोसो दूर रहा।


गुनाहों से अपने आपको बचा नहीं पाया,

ममनून हूं तौबा का दरवाजा खुला पाया।


मुझ पर तेरी रहमत बनी रही, मशकूर हूं!

वैसा ही खुशहाल रहूँ जैसा अबतक पाया।


बना रहूँ सीधी राह पर, है इतनी इल्तजा बस,

जिंदगी ऐसे ही गले लगाले मुझे मेरे मौला!

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