रचना के विवरण हेतु पुनः पीछे जाएँ रिपोर्ट टिप्पणी/समीक्षा

कौन हूं मैं ?

चंद लब्जो में बहोत कुछ बता देता हूं में

किसीको लगता भी है आधा सच छुपा लेता हूं मैं


सच पूछो तो खुली किताब हूं मैं

शक करने वालो की नजर मैं जरा बुरा हूं मैं,

अधूरा हूं मैं।

टिप्पणी/समीक्षा


आपकी रेटिंग

blank-star-rating

लेफ़्ट मेन्यु