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नोट पेड

दिल भी, 

नोट पेड की तरह होता

तो कितना अच्छा होता! 

भावनाओं के घेरे में रहते हुए, 

उम्मीदों के बहाव में बहते हुए, 

सपनों के पंख लगाकर उड़ते हुए, 

विचारों को जो शब्द दिये थे मैंने, 

और जिस कारीगरी से सजाया था

उन्हें दिल के इस पन्ने पर

एक 'डिलीट' दबाते ही

सब झट से मिट जाता

न कोई दर्द होता

न वो बार-बार रोता

काश.... 

दिल भी नोट पेड की तरह होता....! 



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