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जवाब

"ओहो! बेटी हुई..!चलो, पहली बेटी धन की पेटी"
"एक चाँस और ले लो, एक बेटा तो होना चाहिये"
"अरे! ऐसी हर ख्वाहिश पूरी करेगा तो हाथ से निकल जाएगी लड़की, तूने तो उसे सर पर चढ़ा रखा है"
"कॉमर्स दिलवा दिया!..अरे इसमें अवसर कम है, साईंस दिलवाना था"
"सी.ए. करना हर किसी के बस की बात नही.."
"कितनी दुबली पतली सी है, कुछ खिलाते नही हो क्या अपनी बेटी को.. इतनी पढाई करने के लिये शरीर भी तो स्वस्थ होना चाहिए.." परीवार और समाज के लोगों की कही बातें प्रमोद के दिमाग में गूँज रही थी..उसकी आँखें बंद थी।
तभी विमानतल पर हुई उद्घोषणा से उसकी तंद्रा टूटी। उसने अपना सामान समेटा और फेसबुक पर एक "स्टेटस अपडेट" किया, "फीलिंग प्राऊड विथ सी.ए. प्रशस्ति जोशी! 
बिटिया द्वारा दिया गया सबसे अनमोल उपहार: ४ दिवसीय सिंगापुर यात्रा!!"

@ऋचा दीपक कर्पे

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