बहुत ठंड है भाई!
ले आई शीत लहर
धुन कोहरा को, भर रजाई
मुंह ढांप कर सोया सूरज
बहुत ठंड है भाई!
किसी ओट से झांका सूरज
मुंडेर पर आ बैठी धूप
कुछ अलसाई, उठ चली बोली
बहुत ठंड है भाई!
संध्या आई जल्दी जल्दी
वो भी है ठिठुरी ठिठुरी
तारों ने की ठिठोली
बहुत ठंड है भाई!
बाहर करता कुत्ता कूं कूं
चांद अकेला जाग रहा है
पहरेदार की सीटी सोई
बहुत ठंड है भाई!
पौं फटने से पहले
सड़क ने ली ऐसी अँगड़ाई
टकरा गए कुछ वाहन
बहुत ठंड है भाई!